gulzar shayari gam ke aansu

हसीनो ने हसीन बनकर गुनाह किया, औरों को तो ठीक पर हम को भी तबाह किया, अर्ज़ किया जब ग़ज़लों मे उनकी बेवफ़ाई को तो, औरों ने तो ठीक उन्होने भी वा वा किया..

वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए, कोई मजबूरी होगी जो दिल तोड़ कर रोए, मेरे सामने कर दिए मेरी तस्वीर के टुकड़े, पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए..

ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना, मेरे भरोसे को रुस्वा न करना, दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना, मेरे दिल में रहकर बेवफाई न करना..

हमनें अपनी साँसों पर उनका नाम लिख लिया, नहीं जानते थे कि हमनें कुछ गलत किया, वो प्यार का वादा करके हमसे मुकर गए, ख़ैर उनकी बेवाफाई से हमनें कुछ तो सबक लिया..

मेरी वफा की कदर ना की, अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता, सुना है वो उसकी भी ना हुई, मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता..

मेरे दिल के दरिया में मोहब्बत की कश्ती है, मेरे ख़्वाबों की दुनिया में यादों की बस्ती है, मोहब्बत के इस बाजार में चाहत का सौदा है, यहाँ वफ़ा की कीमत से तो बेवफाई सस्ती है..

काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती, पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती, हम पूछते की कौन हो तुम, और वो हँसकर खुद को हमारी जान बताती..

काच का तोफा ना देना कभी किसी को, रुठ के लोग तोड़ दिया करते हैं, जो बहुत अच्छे हो उनसे प्यार मत करना, अच्छे लोग हि दिल तोड़ दिया करते हैं..

हकीकत जान लो जुदा होने से पहले, मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले, यह सोच लेना भुलाने से पहले, बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले…

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है, जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है, दिल टूटकर बिखरता है इस कदर, जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है…

टूटे की दिल शायरी