तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है..

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

वो मुझ तक आने की राह चाहता है, लेकिन मेरी मोहब्बत का गवाह चाहता है, खुद आते जाते मौसमो की तरह है, और मेरे इश्क़ की इंतेहा चाहता है..

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

क्यो इश्क की उम्र नही होती वो आग है जो कम नही होती दरमियां हो दूरियां चाहे जितनी क्यो नज़दीकियां कम नही होती.

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

इश्क़ का रोग तो विर्से में मिला था मुझ को, दिल धड़कता हुआ सीने में मिला था मुझ को..

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

दिल लगा लिया तो गुनाह समझने लगे, टूट गए जो प्यार को खुदा की पनाह समझने लगे, मोहब्बत न हुई मौत का फरमान हो गई, इश्क़ की राहें तो ऐ दोस्त यूँ ही बदनाम हो गई..

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

बार-बार वो हमपे इलज़ाम लगाते है, कि वो कितना ही सम्भाले अपना दिल, हम हर दफा चुरा ले जाते है..

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

इश्क का दस्तूर ही ऐसा है, जो इस को जान लेता है ये उसको मान लेता है बिखर के रह गया वजूद मेरा मै तो समझता था ये संवार देता है..

तेरे बिना इश्क अधूरा शायरी

इश्क़ तो खुद ही हो जाता है, दिल भी अपना खो जाता है, जब ऐसा हो जाता है, तो दिल बेकरार हो जाता है..