पहली बार मोहब्बत की है शायरी

उनकी पहेली मोहब्बत नहीं हूँ ना, शायद यह वहज है की मेरे चेहरे की उदासी उन्हें दिखाई नहीं देती..

पहली बार मोहब्बत की है शायरी

बेताब कर देगी मुझे उनकी वो जादू भरी नज़र जब हम उनके देखने की अदा देखते ही रह जायेंगे.

Pahli baar mohabbat ki hai shayari 

एक अधूरा ख्याब... मेरी नीम जैसी जिंदगी को शहद कर दे, काश कोई मुझे भी इतना चाहे कि हद कर दे..

पहली बार मोहब्बत की है शायरी

दिल हार जाऊ मैं रोज तेरी इस मुस्कुराहट पर रोज ना जाने कैसे और खूबसूरत होती जाती है ..

Pahli baar mohabbat ki hai shayari 

मोहब्बत मेरे नज़र ने सिर्फ मोहबत को दिल तलक आने की इजाजत दी थी.. मेरी रूह में समा जाने का हुनर मोहबत खुद जानता था..

पहली बार मोहब्बत की है शायरी

हमें आदत नहीं हर किसी मर मिटने की, तुझे में बात ही कुछ ऐसी थी की दिल ने सोचने की हमें मोहलत ना दी..

Pahli baar mohabbat ki hai shayari 

बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी इन्हें बना दो किस्मत हमारी हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी..

पहली बार मोहब्बत की है शायरी

चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो सांसों में मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो कुछ यूँ चला है तेरे इश्क का जादू सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो..

Pahli baar mohabbat ki hai shayari 

पहली ही मुलाकात में वो हमें हमसे चुरा ले गया, खैर दिल तो हार ही चुके थे हम वो हमें अपनी मुहोब्बत में जीता गया..