शायरी वह नही लिखते है जो शराब से नशा करते है¸ शायरी तो वह लिखते है जो यादों से नशा करते है..

gulzar ki yaad shayari

समेट लो इन नाजुक पलो को ना जाने ये लम्हे हो ना हो, हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल उन पलो में हम हो ना हो..

gulzar ki yaad shayari

आज अगर भर आयी हैं बूंदें बरस जाएंगी कल क्या पता इनके लिए आँखें तरस जाएंगी जाने कब गुम हुआ कहाँ खोया एक आंसू छुपा के रखा था…

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शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है., दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है…

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यकीन मानो कि वह इंसान तुम्हें सच में चाहता है, जो अक्सर फोन काटते वक्त तुमसे यह कहता है, कि तुम्हारी हर परेशानी में मैं तुम्हारे साथ हूं, बस तुम अपना ख्याल रखो..

gulzar ki yaad shayari

दोहराई जाएंगे ना यह लम्हा अब कभी, सपनों में भी ना छूटेगा यह साथ अब कभी, मिलती है जिंदगी जब आप मुस्कुराए है, आंखों में हमने आपके सपने सजाए है..

gulzar ki yaad shayari

तन्हाई की दीवारों पर, घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं..

gulzar ki yaad shayari

मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में, ​बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका..

gulzar ki yaad shayari

बहुत मुश्किल से करता हु, तेरी यादों का कारोबार माना मुनाफा कम है, पर गुज़ारा हो जाता है..

तुझ से बिछड़ कर कब ये हुआ कि मर गए, तेरे दिन भी गुजर गए और मेरे दिन भी गुजर गए.

gulzar ki yaad shayari

वफा की उम्मीद ना करो उन लोगों से, जो मिलते हैं किसी और से होते है किसी और के..

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