gulzar shayari haqeeqat ka aaina
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है,
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,
बुलंदियों पे पहुँचना कोई कमाल नहीं,
बुलंदियों पे ठहरना कमाल होता है..
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी हैं,
उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है,
मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी हैं,
जो कभी सांस जो रुक जाए तो मौत मेरी हैं..
ऐ हवा उनको खबर कर दे मेरी मौत की,
और कहना कफ़न की ख्वाहिश में मेरी
लाश उनके आँचल का इंतज़ार करती है..
तुझ को बेहतर बनाने की कोशिश में,
मैं तुझको ही वक्त नही दे पा रहा हूं,
माफ करना ए जिंदगी,
तुझको ही जी नही पा रहा हूं…
इक ज़रा चेहरा उधर कीजिये,
इनायत होगी आप को देख के,
बड़ी देर से मेरी सांस रुकी है..
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मेरा हक़ नहीं है तुम पर,
ये जानता हु में,
फिर भी न जाने क्यों,
दुआओ में तुझको मांगना,
अच्छा लगता हे..
इश्क़ की तलाश में
क्यों निकलते हो तुम,
इश्क़ खुद तलाश लेता है
जिसे बर्बाद करना होता है..
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आज मैंने खुद से एक वादा किया है,
माफ़ी मांगूंगा तुझसे तुझे रुसवा किया है,
हर मोड़ पर रहूँगा मैं तेरे साथ साथ,
अनजाने में मैंने तुझको बहुत दर्द दिया है..
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है..
गुलजार शायरी जिंदगी
जब भी आंखों में अश्क भर आए
लोग कुछ डूबते नजर आए
चांद जितने भी गुम हुए शब के
सब के इल्ज़ाम मेरे सर आए..
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