manmohak muskaan shayari in hindi
तेरे चेहरे को कभी भुला नहीं सकता, तेरी यादों को भी दबा नहीं सकता, आखिर में मेरी जान चली जायेगी, मगर दिल में किसी और को बसा नहीं सकता..
मैं दीवाना हूँ तेरा मुझे इनकार नहीं, कैसे कह दू कि मुझे तुमसे प्यार नहीं, कुछ शरारत तो तेरी नजरों में भी थी , मै अकेला ही तो इसका गुनहगार नहीं..
अपने होठो पर मुस्कुराहट की कुछ बूंदे छिड़क लेती है इस तरह वह अपनी आंखों में बसे दर्द को छुपा लेती है..
तमन्ना होती है सब की जन्नत को पाने की, और आदत भी होती औरों को आजमाने, मगर विक्रम कहता है जब तक है जिन्दगी, चाह रखों केवल हर पल मुस्कुराने की..
क़भी चुपके से मुस्कुरा कर देखना, दिल पर लगे हर पहरे को हटा कर देख़ना, ये ज़िन्दग़ी तेरी खिलखिला उठेगी, ख़ुद पर कुछ लम्हें को लुटा कर देखना..
आप अपनी मुस्कान को तभी रोको, अगर वो किसी को आघात पहुंचा सकती हो. नहीं तो आप खिलखिला कर हंसो..
मेरी रूह तेरी मुस्कराहट से ऐसे कैसे जुड़ गयी महसूस तक ना हुआ, हमारी ज़िन्दगी तुम्हारी कब हो गयी..
ना कोई राह आसान चाहिए हमें, ना ही कोई पहचान चाहिए हमें, बस एक ही चीज मांगते हे खुदा से, की अपनो के चहेरे पर हर पल, एक प्यारी सी मुस्कान चाहिए..
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मुस्कान ही जीवन का एक अच्छा कर्म है, आईने में भी सूरत तब ही अच्छी लगती हैं, जब आपके चेहरे पर हलकी मुस्कान होती हैं..
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