shayari zindagi ka ek or dard

हर समझौते में समझदार ही क्यों झुकता है, कोई झांक के देखे एक बार की वो अंदर से कितना टूटता है..

shayari zindagi ka ek or dard

एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है, कोई जी लेता है जिंदगी  किसी की कट जाती है..

shayari zindagi ka ek or dard

हंसते हुए जिंदगी को जीना हमने वक्त से सीखा है गमो में अपनो को साथ देते देखा है..

shayari zindagi ka ek or dard

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले..

गुलज़ार की दर्द भरी शायरी

ज़िंदगी की किताब में इतनी ग़लतियाँ ना करो, की पेंसिल से पहले रबड़ खत्म हो जाए, और तौबा करने से पहले ज़िंदगी खत्म हो जाए..

shayari zindagi ka ek or dard

खुशी मिली है न सके गम मिला तो रो न सके ज़िन्दगी का यही दस्तूर है जिसे चाहा उसे पा न सके और जिसे पाया उसे चाह न सके..

shayari zindagi ka ek or dard

इस जिन्दगी को जीने की आरजू बिन तेरे है अधूरी  तेरा साथ जो मिल जाए, मेरी जिन्दगी हो जाए पूरी..

गुलज़ार की दर्द भरी शायरी

लम्हों की खुली किताब है ज़िन्दगी ख्यालों और सांसों का हिसाब है ज़िन्दगी कुछ ज़रूरतें पूरी  कुछ ख्वाहिशें अधूरी इन्ही सवालों का जवाब है ज़िन्दगी..

shayari zindagi ka ek or dard

ऐ ज़िन्दगी इतने भी दर्द न दे कि  मैं बिखर जाऊं ऐ ज़िन्दगी इतने  भी ग़म न दे कि ख़ुशी भूल जाऊं ऐ ज़िन्दगी इतने भी  आँसू न दे कि मैं हँसना भूल जाऊं इतने भी इम्तिहान  न ले कि मैं हार के  जीना भूल जाऊं..

गुलज़ार की दर्द भरी शायरी

जिंदगी ने उसे कुछ नहीं दिया जिसने कुछ खोया नहीं, सपने उसी के पूरे हुए हैं जो कई रातें सोया नहीं..

shayari zindagi ka ek or dard

ना रास्ते ने साथ दिया, ना मंजिल ने इंतजार किया, मैं क्या लिखूं अपनी जिंदगी पर मेरे साथ तो उम्मीदों ने भी मजाक किया..