तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

तुझे पलकों पर बिठाने को जी चाहता है, खूबसूरती की इंतेहा है तू, तुझे जिंदगी बनाने को जी चाहता है..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

उसके खूबसरत चेहरे को निहारते, पता ही न चला कब दिन से रात हो गई, फिर उसने मुझे देखा मैंने उसको देखा, और निगाहों ही निगाहों में बात हो गई..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

सोचता हूँ हर कागज पे तेरी तारीफ, करु फिर ख्याल आया कहीँ पढ़ने, वाला भी तेरा दीवाना ना हो जाए..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

नाजुक फूलों के जैसा चेहरा है उनका, खिलती कलियों सी लबों की मुस्कान, उनकी तारीफों में शब्द भी पड़ जाएं कम, दुनिया में सबसे खूबसूरत है हमारी जान..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

याद आता है जब उनका खूबसूरत चेहरा, तो लबों पर अक्सर फरियाद आ जाती है, भूल जाते हैं हम सारी दुनिया, जब मोहब्बत उनकी याद आती है..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

एक खूबसूरत सी परी को हम दिल दे बैठे, मुझ बदनसीब के नसीब में कहां होगी वो, बस यही सोचकर इजहार किए बिना हार बैठे..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

उसकी मासूम निगाहें दिल में घर कर जाती हैं, एक पल को भी भूल पाना उन्हें मुमकिन नहीं, जहां भी देखूं हर चेहरे में बस वो ही नजर आती है..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

वो निगाहों से यूँ शरारत करते हैं, अपनी अदा से भी कयामत करते हैं, निगाहें उनकी भी चेहरे से हटती नहीं, और वो हमारी नजरों से शिकायत करते हैं..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

गुजरती है जब वो करीब से, तो नक़ाब चेहरे से हटा देती है, जाने क्यूं वो रोज मेरे, दिल की धड़कन बढ़ा देती है..

तुम बहुत सुंदर लग रही हो शायरी

कैसे कहे के आप कितनी खूबसूरत है, कैसे कहे के हम आप पे मरते है, यह तो सिर्फ़ मेरा दिल ही जनता है, के हम आप पे हमारी जवानी क़ुरबान करते है..