मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर..
गुलजार की जिंदगी शायरी
खामोश लबो पर भी राज़ कुछ गहरे होते है,
मुस्कुराहट के पीछे भी जख्म गहरे होते है,
हस्ती हुई उन आँखों की नमी को देखो,
जिन में छुपे हुए हज़ारो दर्द गहरे होते है…
गुलजार की जिंदगी शायरी
जरा सी गलतफहमी पर,
न छोड़ो किसी अपने का दामन,
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है,
किसी को अपना बनाने में..