गुलजार की जिंदगी शायरी

कोई जिस्म पर अटक गया, कोई दिल पर अटक गया, इश्क उसका ही मुकमल हुआ, जो रूह तक पहुच गया..

गुलजार की जिंदगी शायरी

दुपट्टा क्या रख लिया सर पे, वो दुल्हन नजर आने लगी, उसकी तो अदा हो गयी, जान हमारी जाने लगी..

गुलजार की जिंदगी शायरी

एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं..

Zindagi Ka Ek Dard Shayari

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं, तेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं…

गुलजार की जिंदगी शायरी

तन्हाई की दीवारों पर, घुटन का पर्दा झूल रहा हैं, बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं..

गुलजार की जिंदगी शायरी

सहमा सहमा डरा सा रहता है, जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है, एक पल देख लूँ तो उठता हूँ, जल गया घर ज़रा सा रहता है..

गुलजार की जिंदगी शायरी

मत निकला करो… इश्क की तलाश में मेरे यार, क्युकी इश्क खुद ही ढूंढ लेता है, उसके जिसे बर्बाद होना होता है..

गुलजार की जिंदगी शायरी

महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए, यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना..

गुलजार की जिंदगी शायरी

मेरे दर्द को भी आह का हक़ हैं, जैसे तेरे हुस्न को निगाह का हक़ है, मुझे भी एक दिल दिया है भगवान ने, मुझ नादान को भी एक गुनाह का हक़ हैं..

Zindagi Ka Ek Dard Shayari

रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर, उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश..

गुलजार की जिंदगी शायरी

मेरी कोई खता तो साबित कर जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने चल मैं बेवफा ही सही तू अपनी वफ़ा साबित कर..

गुलजार की जिंदगी शायरी

खामोश लबो पर भी राज़ कुछ गहरे होते है, मुस्कुराहट के पीछे भी जख्म गहरे होते है, हस्ती हुई उन आँखों की नमी को देखो, जिन में छुपे हुए हज़ारो दर्द गहरे होते है…

गुलजार की जिंदगी शायरी

जरा सी गलतफहमी पर, न छोड़ो किसी अपने का दामन, क्योंकि जिंदगी बीत जाती है, किसी को अपना बनाने में..