zindagi ka ek dard shayari
न मेरा एक होगा,
न तेरा लाख होगा,
न तारीफ़ तेरी
न मेरा मजाक होगा,
गुरूर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा,
तेरा भी ख़ाक होगा…
छोड़ दो ये बहाने
जो तुम करते हो,
हमें भी अच्छे से मालूम है
मज़बूरियाँ तभी आती हैं
ज़ब दिल भर गया हो..
एक सपने के टूटकर
चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के
हौसले का नाम जिंदगी हैं..
गुलज़ार की दर्द भरी शायरी
देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हमको पुकारता है कोई
कल का हर वाक़िया था
तुम्हारा आज की दास्ताँ है हमारी..
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मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर
दीवाने तो हम उसे देखकर हुआ करते थे,
मिलना तो बस एक बहाना होता था,
जान छिड़कते थे उसकी अदाओं पर,
बस हमारा शर्माना ही तो प्यार का पैमाना होता था..
तुम्हें मोहब्बत कहां थी
तुम्हें तो सिर्फ़ आदत थी
मोहब्बत होती तो हमारा
पल भर का बिछड़ना भी
तुम्हे सुकून से जीने नहीं देता..
दर्द भरी शायरी हिंदी में लिखी हुई
कोई जिस्म पर अटक गया ,
कोई दिल पर अटक गया
इश्क उसका ही मुकमल हुआ
जो रूह तक पहुच गया..
मेरे किरदार से वाकिफ़
होने की कोशिश मत कर
उसे समझने में दिल लगेगा
और तुम दिमाग लगते हो…
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तन्हाई की दीवारों पर,
घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे,
कोई किसी को भूल रहा हैं..
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सामने आया मेरे देखा भी,
बात भी की मुस्कुराए भी,
किसी पहचान की खातिर कल का
अखबार था बस देख लिया रख भी दिया..
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