zindagi love dard bhari hindi shayari

आँसू भी आते हैं और दर्द भी छुपाना पड़ता है ये जिंदगी है साहब यहां जबरदस्ती भी मुस्कुराना पड़ता है..

zindagi love dard bhari hindi shayari

तेरे ऐसे सच्चे आशिक़ है हम दिल मे जिसके प्यार न हो कभी कम सच्चे प्यार में तो ज़िन्दगी महक जाती है ना जाने हमारी आँखे क्यों है नम..

zindagi love dard bhari hindi shayari

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम, हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम, अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला, ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम..

zindagi love dard bhari hindi shayari

रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है, ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है, हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू, ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है..

zindagi love dard bhari hindi shayari

तड़प रही है हर एक तमन्ना, न तुमसे मिलते न ऐसा होता, भुजी भुजी सी है दिल की दुनिया न, तुम से मिलते न ऐसा होता..

zindagi love dard bhari hindi shayari

कभी-कभी ये क्यों लगता है, कि तुम मेरी पूरी ज़िन्दगी हो, और मैं तुम्हारा लम्हा भी नहीं..

zindagi love dard bhari hindi shayari

लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं, किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं, दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गए अलविदा, लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है..

zindagi love dard bhari hindi shayari

मुझे समझने का दौर कभी क्यूँ नही होता, मुझसा मजबूर कभी तू क्यूँ नहीं होता, क्या फ़र्क़ है तेरी वफ़ा और मेरी वफ़ा में, मुझे बेहिसाब हो तुझे दर्द क्यूँ नहीं होता..

zindagi love dard bhari hindi shayari

दर्द बहुत हुआ दिल के टूट जाने से, कुछ न मिला उनके लिए आँसू बहाने से, वो जानते थे वजह मेरे दर्द की, फिर भी बाज़ न आये मुझे आजमाने से.

गुलजार की शायरी जिंदगी

ज़रा सी ज़िंदगी है  अरमान बहुत हैं, हमदर्द नहीं कोई  इंसान बहुत हैं, दिल के दर्द सुनाएं तो किसको, जो दिल के करीब है  वो अनजान बहुत है..

zindagi love dard bhari hindi shayari

कल रात बरसती रही सावन की घटा भी, और हम भी तेरी याद में दिल खोल के रोए, लोग देते रहे ज़ख्म  सुलगती रही आँखें, हम दर्द के मारों को न सोना था  न सोए..

zindagi love dard bhari hindi shayari

अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो, मैं खुद लौट आऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो, मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढता है जमाना, मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले तेरा नाम तो होने दो..

गुलजार की शायरी जिंदगी

आँखों के सागर में ये जलन हैं कैसी, आज दिल को तड़पने की लगन हैं कैसी, बर्फ की तरह पिघल जायेगी जिंदगी, ये तेरी दूर रहने की कसम हैं कैसी..