गुलजार की शायरी जिंदगी
एक सुकून की तलाश में जाने
कितनी बेचैनियाँ पाल ली,
और लोग कहते हैं की हम बड़े हो
गए हमने ज़िंदगी संभाल ली..
गुलजार की शायरी जिंदगी
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना..
गुलजार की शायरी जिंदगी
कुछ अलग करना हो
तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं
मगर पहचान छिन लेती हैं..
गुलजार की शायरी जिंदगी
मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर..
गुलजार की शायरी जिंदगी
देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हमको पुकारता है कोई,
कल का हर वाक़िया था तुम्हारा,
आज की दास्ताँ है हमारी..
गुलजार की शायरी जिंदगी
उनकी ना थी कोई खता
हम ही गलत समझ बैठे
वो मोहब्बत से बात करते थे
हम मोहब्बत समझ बैठे..
गुलजार की शायरी जिंदगी
सालों बाद मिले वो
गले लगाकर रोने लगे,
जाते वक्त जिसने कहा था
तुम्हारे जैसे हज़ार मिलेंगे..
गुलजार की शायरी जिंदगी
शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है.
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले,
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है..
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गुलजार की शायरी जिंदगी
कुछ भी कायम नहीं है, कुछ भी नहीं
और जो कायम है
बस एक मैं हूं
मैं जो पल-पल बदलता रहता हूं..
गुलजार की शायरी जिंदगी
तुझ को बेहतर बनाने की कोशिश में,
मैं तुझको ही वक्त नही दे पा रहा हूं,
माफ करना ए जिंदगी,
तुझको ही जी नही पा रहा हूं…
गुलजार की शायरी जिंदगी
फर्क नहीं पड़ता कि
कौन आपको पाने के लिए मरता है
मायने तो ये रखता है कि
आपको खोने से कौन डरता है..
gulzar shayari